कृषि किसे कहते हैं?
भूमि को जोतने, बोने, फसल उगाने, पशुओं को पालने की कला को कृषि कहते हैं।
कृषि दो प्रकार के होते हैं।।
पहला फूलों खोलो फसलों व सब्जियों का उत्पादन तथा दूसरा पशुपालन व पशु उत्पादकों का उपयोग या कृषि के दो प्रकार है।
कृषि एक चरणबद्ध तरीके से की जाने वाली इकाई है जिसके हर एक प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से किया जाता है जिनके बारे में हम जानेंगे।
कृषि प्रक्रिया।
1.जुताई (खेत जोतना मिट्टी को भुरभुरा करना)
2. बुवाई (बीज बोना)
3. निराई ( खरपतवार निकालना )
4. सिंचाई( पानी डालना )
5. खाद( खाद्य उर्वरक डालना )
6. कीटनाशक( कीड़े मारने वाली दवाई छिड़कना )
7. कटाई( फसल पकने पर काटना )
8.दलाई गहराई( बालियों में से बीज अलग करना )
कृषि प्रणाली के प्रकार
1. निर्वाह कृषि
2. वाणिज्यिक कृषि
1. निर्वाह कृषि क्या है ?
ऐसी कृषि प्रणाली जिसमें किसान अपने परिवार का पोषण करने के लिए उत्पादन करता है। इसमें परंपरागत कृषि उपकरणों तथा तरीकों का प्रयोग किया जाता है। इसके दो प्रकार होते हैं।
१. प्रारंभिक कृषि
२. गहन कृषि
2. वाणिज्य कृषि के दो प्रकार होते हैं।
१.मिश्रित कृषि
२.रोपण कृषि
कृषि के ऋतुएं
1. खरीफ फसल
2. जायद फसल
3. रवि फसल
अब हम इन तीनों के बीच अंतर को जानेंगे और जानू के साथ ही से समझ लेंगे इसकी परिभाषा के साथ।
1.खरीफ फसल:-
खरीफ असली देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के आगमन के साथ जून-जुलाई में बोई जाती है और सितंबर अक्टूबर में काट ली जाती है। खरीफ फसल या खरीफ ऋतु की मुख्य फसलें चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूं
ग, उड़द, कपास, मूंगफली और सोयाबीन है।
2.जायद फसल:-
जायद फसल वह फसलें हैं जो रबी फसल एवं खरीफ फसल के मध्य में बोई जाती हैं जिसके उदाहरण है तरबूज- खरबूज,खीरा, मूली आदि।
3. रवि फसल
रवि फसले शीत ऋतु में अक्टूबर से दिसंबर के मध्य में बोई जाती हैं और ग्रीष्म ऋतु मैं अप्रैल से जून के मध्य काट ली जाती हैं गेहूं, जो, मटर , चना और सरसों आदि मुख्य रवि फसले हैं।
अब हम कुछ मुख्य बातें जो अत्यधिक की याद करने योग्य है और परीक्षा के नजरिए से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं उनके बारे में चर्चा करेंगे।
1. भारत सबसे अधिक फलों एवं सब्जियों का उत्पादन करता है।
2. रोपण कृषि में एक लंबे चौड़े भूखंड पर एक ही फसल बोई जाती है।
3. भारत में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना इत्यादि मुख्य रोपड़ फसलें हैं।
4. भारत में मुख्य रूप से चावल, गेहूं, मोटे अनाज, चाय, कॉफी, गन्ना, तिलहन, कपास इत्यादि फसलें उगाई जाती है।
5. भारत में अधिकांश लोगों का खदान चावल है भारत चीन के बाद चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
6. ज्वार बाजरा रागी भारत में उगाए जाने वाले मुख्य मोटे अनाज है।
7. कर्तन दहन प्रणाली :- कृषि के ऐसी पद्धति जिसमें किसान जमीन के टुकड़े को साफ करके उस पर अनाज व अन्य खाद्य पदार्थों या फसलों को गाते हैं जब मृदा में उर्वरा शक्ति कम होने लगती है तब उस भूखंड को छोड़ दिया जाता है फिर अन्य स्थान पर नया खेती करने योग्य खेत बना लिया जाता है।
8. गहन कृषि इस पद्धति में अधिक उत्पादन के उद्देश्य से अधिक पूंजी निवेश आधुनिक उपकरणों कीटनाशकों उर्वरकों आदि का प्रयोग किया जाता है।
9. रोपण कृषि:- एक प्रकार की वाणिज्य कृषि है जिसमें विस्तृत क्षेत्र में एक कल फसल बोई जाती है जिसमें अत्यधिक पूंजी निवेश वस्त्रम का प्रयोग होता है।
10.शस्यवर्तन:- भूमि की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए भूमि के किसी टुकड़े पर फसलें बदल बदल कर बोला उसे शस्यवर्तन कहते हैं।
11. चकबंदी :- बिखरी हुई कृषिक ज्योति अथवा खेतों को एक साथ मिलाकर आर्थिक रूप से लाभ प्रद बनाना।
12. हरित क्रांति कृषि क्षेत्र में अधिक उपज वाले बीजों का प्रयोग,आधुनिक तकनीक, अच्छी खाद/ उर्वरकों का प्रयोग करने से कुछ फसलो विशेषकर गेहूं के उत्पादन में क्रांतिकारी वृद्धि को हरित क्रांति कहते हैं।
13. श्वेत क्रांति दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए पशुओं की नस्लों को सुधारने को श्वेत क्रांति कहा गया।