वैश्वीकरण का अर्थ क्या है?
विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्रता एकीकरण की प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते हैं।।
वैश्वीकरण की कुछ विशेषताएं ।
1.वस्तुओं व सेवाओं का आदान-प्रदान ।
2.अंतर्देशीय उत्पादन।
3. प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान।
4.विभिन्न देशों के बीच निवेश।
अंतर्देशीय उत्पादन के बीच अंतर पहले और अब के मुकाबले।
पहले
1.बीसवीं सदी के मध्य तक उत्पादन मुख्यता देशों के सीमा के भीतर रहता था।
2. देश की सीमा को लांघ कर सिर्फ कच्चा माल खाद्य पदार्थ और तैयार उत्पादन को ले जाया जाता था।
3. व्यापार दुरुस्त देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य जरिया था।
अब
1. बहुराष्ट्रीय कंपनियों का उभरना।
2. इनका एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व उत्पादन है।
3. उन प्रदेशों में कार्यालय तथा उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है, जहां उन्हें सस्ता श्रम एवं अन्य संसाधन मिलते हैं।
विश्व भर के उत्पादन को एक दूसरे से जोड़ना इन के कुछ मुख्य बातें।
1. बहुराष्ट्रीय कंपनियां उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करते हैं जो बाजार के नजदीक हो, जहां कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो तथा सरकारी नीतियां अनुकूल हो।
2. इनके द्वारा निवेश किए गए धन को विदेशी निवेश करते हैं।
3. कभी कमी इन देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती है।
4. स्थानीय कंपनियों को अतिरिक्त निवेश के लिए धन तथा उत्पादन की नवीनतम प्रौद्योगिकी प्रदान करती है।
5. कभी-कभी स्थानीय कंपनियों को खरीद कर उत्पादन का प्रसार करती है।
6. छोटी उत्पादकों को उत्पादन का ऑर्डर देती है। खासतौर पर वस्त्र, जूते -चप्पल एवं खेल का सामान।
विदेश व्यापार कैसे बाजारों का एकीकरण करता है?
1. विदेश व्यापार उत्पादकों को अपने देश के बाजार से बाहर के बाजारों में पहुंचने का अवसर प्रदान करता है।
2. खरीदारों के समक्ष दूसरे देश में उत्पादित वस्तुओं के आयात से विकल्पों का विस्तार होता है।
3.देशों के उत्पादक एक दूसरे से दूर होते हुए की प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं जिससे दो बाजार ओं में एक ही वस्तु का मूल्य समान होने लगता है।
वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कारक।
1. प्रौद्योगिकी का विकास
2. सूचना प्रौद्योगिकी
3. परिवहन में सुधार
4. दूरसंचार एवं संचार उपग्रह
5. सरकार द्वारा औरतों की समाप्ति
6. इंटरनेट
विश्व व्यापार संगठन के कुछ मुख्य उद्देश्य।
1 विदेशी व्यापार को उधार बनाना।
2. विकसित देशों की पहल पर शुरू किया गया।
3. अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है।
4. विकासशील देशों को व्यापार अवरोधों को हटाने के लिए विवश करता है।
5. विकसित देशों ने अनुसूचित ढंग से व्यापार अवरोधों को बरकरार रखा है।
उपभोक्ता पर वैश्वीकरण का प्रभाव।
1. उपभोक्ता के लिए पहले से अधिक विकल्प उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता कम कीमत तथा अपेक्षाकृत उच्च जीवन स्तर।
2. नए रोजगार के अवसर।
3. बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कच्चा माल आपूर्ति कराने वाली स्थानीय कंपनियां समृद्धि हुई।
4. हनी सिर्फ भारतीय कंपनियां बहुराष्ट्रीय कंपनी के रूप में उभरी हैं जैसे टाटा मोटर्स इंफोसिस रैनबैक्सी एशियन पेंट्स इत्यादि।
न्याय संगत वैश्वीकरण के लिए किए गए प्रयास।
1. न्याय संगत वैश्वीकरण सभी के लिए अवसर प्रदान करेगा।
2. सरकार की नीतियां सब को संरक्षण प्रदान करने वाली होनी चाहिए।
3. सरकार सुनिश्चित कर सकती है कि श्रमिक कानूनों का उचित कार्यान्वयन हो और श्रमिकों को उनके अधिकार मिले।
4. सरकार न्याय संगत नियमों के लिए विश्व व्यापार संगठन से समझौते कर सकती है।
5. समाज हित वाले विकासशील देशों से गठबंधन कर सकती है।
विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेश का उदारीकरण।
1. 1991 की शुरुआत से विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेश पर से अवरोधों को काफी हद तक हटा दिया गया।
2. वस्तुओं का आयात निर्यात सुगमता से किया जा सकता था।
3. विदेशी कंपनियां आसानी से यहां अपने कार्यालय और कारखाने स्थापित कर सकती थी। आदि।
आइए हम कुछ याद रखने योग्य बातों के बारे में चर्चा करेंगे जो काफी महत्वपूर्ण है।
- 1. बहुराष्ट्रीय कंपनियां :-वह कंपनी जो 1 से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण करते हैं यह रखती है वह बहुराष्ट्रीय कंपनी कहलाती है।
2. वैश्वीकरण:-अपने देश की अर्थव्यवस्था का संसार के अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करना वैश्वीकरण कहलाता है।
3. उदारीकरण:- सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहा जाता है।
4. निवेश -परिसंपत्तियों:- जैसे -भूमि,भवन,मशीन और अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय गई मुद्रा को निवेश कहते हैं।
5. विदेशी निवेश:- बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।
6. मुक्त व्यापार:- जब दो देशों के बीच व्यापार बिना किसी प्रतिबंध के रोता है तो उसे मुक्त व्यापार कहते हैं।
7. निजीकरण:- सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को चरणबद्ध तरीके से निजी क्षेत्र में बेचना।
8. विश्व व्यापार:- संगठन डब्ल्यूटीओ इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उधार बनाना है
9. विश्व बैंक:- अपने सदस्य राष्ट्रों को वित्तीय सहायता देने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है
10. सेज(SEZ):- किसी विशेष क्षेत्र में अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान कर विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना इसका कार्य है।