राजनीतिक दल पाठ के मुख्य बातें।
1.एक ऐसा संगठित समूह जो लड़ने और राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से काम करती है, राजनीतिक दल कहलाता है।
2. राजनीतिक दल के तीन मुख्य हिस्से होते हैं नेता, सक्रिय नेता और अनुयायी या समर्थक होते हैं।
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राजनीतिक दल के प्रमुख कार्य क्या है?
1.सरकार बनाना व सरकार चलाना।
2. कानून बनाना।
3.चुनाव लड़ना।
4.विपक्ष की भूमिका निभाना ।
5.जनमत का निर्माण।
राजनीतिक दलों की आवश्यकता क्यों है?
1. प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए आवश्यक है।
2. देश के प्रति उत्तरदाई सरकार के लिए आवश्यक है।
3. सरकार की नीतियों पर अंकुश लगाने के लिए राजनीतिक दलों की आवश्यकता है।
4. सरकार का समर्थन करने ही उस पर अंकुश रखने हेतु आवश्यक है।
5. जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नजर में लाने के लिए राजनीतिक दलों की जरूरत होती है।
प्रांतीय दल एवं राष्ट्रीय दल में कुछ मुख्य विशेषताएं।
प्रांतीय दल
जब कोई दल राज्य विधानसभा के चुनाव में पड़ी कुल मतों का 6 फ़ीसदी या उससे अधिक हासिल करती है और कम से कम 2 सीटों पर जीत हासिल करती है तो उसे राज्य के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त होती है या मिलती है।
राष्ट्रीय दल
अगर कोई दल लोकसभा चुनाव में पड़ी कुल वोट का अथवा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6% हासिल करता है और लोकसभा चुनाव में कम से कम 4 सीटों पर जीत दर्ज करता है तो उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता प्राप्त होती है यदि जाती है।
दलीय प्रणाली क्या है? यह कितने प्रकार की होती है? इनके बारे में।
दलीय प्रणाली वह प्रणाली है जिसके द्वारा देश में चल रही सरकार किस प्रणाली पर काम करती है उसके बारे में बताता है जो तीन प्रकार के होते हैं।
1.एक दलीय प्रणाली व्यवस्था
2.दो दलीय प्रणाली व्यवस्था
3.बहुदलीय प्रणाली व्यवस्था
1.एक दलीय प्रणाली व्यवस्था।
कई देशों में एक ही दल को सरकार बनाने व चलाने की आजादी होती है ऐसी व्यवस्था को हमें एक दलीय व्यवस्था एक दलीय प्रणाली व्यवस्था कहते हैं। उदाहरण के तौर पर चीन।
2. दो दलिय प्रणाली व्यवस्था।
कुछ देशों में सत्ता दो मुख्य दलों के मध्यम बदलती रहती है इसे दो दलीय व्यवस्था कहते हैं। जैसे अमेरिका,ब्रिटेन।
बहुदलीय प्रणाली व्यवस्था।
जब अनेक दलों का सत्ता मैं आने का ठीक-ठाक अवसर हो तो उसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं। जैसे- भारत
हमारे भारत देश में बहुत सारी प्रांतीय दल एवं राष्ट्रीय दलें हैं। जिनके बारे में हम आगे बात करेंगे।
अब हम कुछ रोचक बातों के बारे में जानेंगे जो हमारे लिए राजनीतिक दल पाठ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
1. स्वतंत्रता के उपरांत भारत में प्रथम आम चुनाव 19 51-52 में हुआ था।
2. पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने थे।
3.व्योमेश चंद्र बनर्जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष थे।
4. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी।
5.काशीराम ने 1984 में बहुजन समाज पार्टी की नींव रखी।
6.1985 में संसद ने दल बदल कानून पारित किया उस समय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।
राजनीतिक दलों के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां है।
1. वंशवाद की चुनौती
2. पारदर्शिता का अभाव
3. अपराधिक तत्वों की घुसपैठ
4. विकल्प हीनता
5. आंतरिक लोकतंत्र का अभाव
राजनीतिक दलों में सुधार हेतु कुछ उपाय या सुझाव।
1. दल बदल कानून को सख्त से सख्त लागू किया जाये। या सख्त किया जाए।
2. अपराधिक प्रवृत्ति ओके लोगों पर रोक लगे।
3. राजनीतिक दलों में समय-समय पर संगठित चुनाव हो।
4. राजनीतिक दलों के आंतरिक कामकाज को पारदर्शी बनाया जाए।
5. महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व मिले।
6.चुनाव का खर्चा सरकार उठाए