वाच्य क्या है? | वाच्य के भेद के उदाहरण

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जंनेगे हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण विषय वाच्य के बारे में जानेंगे।
इससे पहले हम वाक्य के बारे में पड़े थे। वाच्य के भेद के उदाहरण
दोस्तों आप पने से पहले नीचे दिए गए टेबल को ध्यान से देखे ।

वाच्य क्या है?

वाक्य में कर्ता, कर्म, या भाव में से किसी प्रधनता है उसे वाच्य कहते कहते हैं।

वाच्य के भेद
1. कृत वाच्य
2.कर्मवाच्य
3.भाववाच्य

1. कृत वाच्य

जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो यानी क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो , उसे
कहते हैं। कृत वाच्य  में क्रिया सकर्मक और अकर्मक दोनों होती है।  कृत वाच्य में कर्ता विभक्ति (से, के, को, का, की, में, पर, अरे, के आदि) रहित होते है यानि इनमे से कोई भी इस वाक्य में नही आता है। या आप यह कह सकते हैं कि इसमें केवल “ने” विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
जैसे:-1. अक्षत ने खाना खाया।
2. राम ने गण गाया।

2. कर्मवाच्य :-

जिस वाक्य में केवल कर्म की प्रधानता का बोध हो यानी क्रिया के जिस रूप में कर्म की प्रधनता हो , उसे कर्मवाच्य कहते है। कर्मवाच्य में क्रिया केवल सकर्मक होती हैं। इसमें कुछ वाक्यों में “से” और “के द्वारा” विभक्ति का प्रयोग भी होता है।
जैसे:- 1. अक्षत से/के द्वारा सेब खाया गया।
या सेब अक्षत से/के द्वारा खाया गया।

3. भाववाच्य

जिस वाक्य में भाव की प्रधानता का बोध हो यानी क्रिया के जिस रुप में भाव भाव प्रधान हो, उसे भाववाच्य कहते हैं। भाववाच्य में क्रिया केवल आकर्मक होती है। इसमें ना तो करता की प्रधानता होती है और ना ही कर्म की बल्कि क्रिया का भाव इन प्रधान होता है।
जैसे:-1. अक्षत से हँसा नहीँ जाता।
2.नानाजी से चला नही जाता।

अब हम वाच्य के आखिरी पढ़ाव पर पहुच गये है।
अब हम वाच्य परिवर्तन के बारे में जानेंगे।

सबसे पहले हम

कृतवाच्य से कर्मवाच्य

में परिवर्तन करेंगे। उससे पहले हम इसके कुछ इसके नियम को जानेंगे।
1. पहले कर्मवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदलिए।
2. उस परिवर्तन क्रिया के साथ “जाना” क्रिया का काल, पुरुष,वचन, लिंग के अनुसार जो हो इसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदलिए।
3. कृतवाच्य के कर्ता के साथ कोई विभक्ति लगी हो, तो उसे हटाकर “से” अथवा “के द्वारा” आदि जोड़िये। यदि कर्म के साथ कोई विभक्ति लगी हो तो उसे हटा दीजिए।

उदाहरण जैसे ।

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यह आप सभी के लिए गृह कार्य है।

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अब हम वाच्य परिवर्तन के एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन के बारे में जानेंगे।

कृतवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तन।

इसके नियम 1. कर्ता के साथ से/द्वारा कारक चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।
2.मुख्य क्रिया को सामान्य क्रिया एवं अन्य पुरुष पुल्लिंग एकवचन में स्वतंत्र रूप में रखा जाता है।
3.भाववाच्य में प्रायः अकर्मक क्रियाओं का ही प्रयोग होता है।

उदाहरण जैसे ।

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यह आप सभी के लिए गृह कार्य है।

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“धन्यवाद “

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